Government Welfare schemes: 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या 10 करोड़ 38 लाख के आसपास थी जो कुल पापुलेशन का 8.6 प्रतिशत है। सीनियर सिटीजंस की संख्या तेजी से grow कर रही है, अगर वर्तमान की बात की जाए तो 2022 में भारत में करीब 14 करोड़ 90 लाख की जनसंख्या 60 या उससे ऊपर की थी। UFPA India द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार बुजुर्गों की जनसंख्या 2050 तक 34 करोड़ 70 लाख के आसपास तक पहुंचने का अनुमान है जो वर्तमान जनसंख्या की दोगुनी है।
वर्तमान समय में जिस तरह से बुजुर्गों का जीवन कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा है जैसे – भरण पोषण के लिए दूसरों पर निर्भरता, वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों की लगातार बढ़ती संख्या, उम्र से संबंधित बीमारियां, खराब आर्थिक स्थिति, इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए वृद्धजनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार, उनकी आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा वृद्ध जनों पर राष्ट्रीय नीति, 1999 के अंतर्गत विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। आज हम ऐसी ही Top 3 योजनाओं के बारे में जानेंगे
1. वरिष्ठ नागरिकों के लिए एकीकृत कार्यक्रम (IPSrC)
भारत सरकार द्वारा देश के वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जाती है जिनमें से अटल वयो अभ्युदय योजना इस दिशा में एक पहल है। इस योजना में विभिन्न घटक शामिल हैं जिनमें से IPSrC एक महत्वपूर्ण घटक है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए एकीकृत कार्यक्रम को पहले वृद्धि व्यक्तियों के लिए एकीकृत कार्यक्रम (IPOP) के नाम से जाना जाता था और इसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के नियंत्रण में कार्यान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियों को वरिष्ठ नागरिक गृहों के संचालन व रखरखाव के लिए अनुदान (Grant) प्रदान की जाती है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय, भोजन, चिकित्सा, रिटायरमेंट बाद रोजगार आदि प्रदान करके उनके जीवन के गुणवत्ता में सुधार करना है और उन्हें अलग-अलग तरह से सहायता प्रदान करके Productive और Active वृद्धावस्था को संभव बनाना है।
योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार तथा केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय निकायों को और गैर सरकारी एजेंसियों को केंद्र सरकार की ओर से अनुदान प्रदान किया जाता है ताकि निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति हो सके:
- बेसहारा बुजुर्गों के लिए भोजन और आश्रय एवं स्वास्थ्य के देखभाल की व्यवस्था करना।
- बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों के बीच क्षेत्रीय संसाधन और प्रशिक्षण केंद्रों (RRTC) के माध्यम से आपसी संवाद कराके अलग-अलग पीढ़ियों के मध्य सामंजस्य स्थापित करना।
- क्षेत्रीय संसाधन और प्रशिक्षण केंद्रों (RRTC) के माध्यम से सक्रिय और उत्पादक वृद्धावस्था को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना।
2. राष्ट्रीय वयोश्री योजना (RVY)
राष्ट्रीय वयोश्री योजना भी, अटल वयो अभ्युदय योजना का ही एक घटक है जिसकी शुरूआत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 1 अप्रैल 2017 को की गई थी। इस योजना के माध्यम से किसी भी विकलांगता या दुर्बलता से पीड़ित वरिष्ठ नागरिक को सहायक जीवन उपकरण प्रदान करके उन्हें सक्षम बनाना है।
ऐसे व्यक्ति जिन्हें दृष्टिदोष है या शरीर के किसी भी हिस्से में अक्षमता है तो इन उपकरणों के माध्यम से इन शारीरिक दुर्बलताओं को नियंत्रण में करके उन्हें सामान्य स्थिति में लाया जा सकता है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों अथवा ऐसे नागरिक जिनकी आय ₹15,000 से कम है उन्हें लाभ प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत आने वाले सभी लाभार्थी वरिष्ठ नागरिकों को चलने की छड़ें, कोहनी बैसाखी, वॉकिंग बैसाखी, सुनने का यंत्र, चश्मा, व्हील चेयर जैसे सहायक उपकरण निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे।
योजना का कार्यान्वयन कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ALIMCO) द्वारा किया जा रहा है ओर वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (SCWF) द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है। इस योजना की लांच होने के बाद से 15,54,179 उपकरणों का वितरण किया गया है और कल 3,87,589 बुजुर्ग नागरिकों को लाभान्वित किया गया है।
3. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम(NSAP)
भारत सरकार द्वारा गरीबों के लिए 1995 में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) की शुरुआत की गई थी जिसका उद्देश्य सामाजिक सहायता के लिए न्यूनतम राष्ट्रीय मानक को सुनिश्चित करना है। यह एक सामाजिक सुरक्षा सामाजिक कल्याण कार्यक्रम है जो बुजुर्गों, विकलांग व्यक्तियों और बीपीएल श्रेणी के परिवारों के मुख्य कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु पर शेष परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
वर्तमान में एनएसएपी के अंतर्गत पांच उप – योजनाएं शामिल हैं जिनका विवरण नीचे दिया जा रहा है:
- इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS)
- इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS)
- इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (IGNDPS)
- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (NFBS)
- अन्नपूर्णा योजना
उप योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
उप – योजनाएँ | मिलने वाला लाभ | योग्यता |
---|---|---|
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS) | 1. 60 से 79 साल के बुजुर्गों को ₹200 प्रतिमाह 2. 80 साल या उससे ऊपर के बुजुर्गों को ₹500 प्रतिमाह | बीपीएल श्रेणी के वरीष्ठ नागरिक जिन्होंने 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो। |
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS) | 1. 40 से 79 साल के व्यक्तियों को ₹300 प्रतिमाह 2. 80 साल या उससे ऊपर के बुजुर्गों को ₹500 प्रतिमाह | बीपीएल श्रेणी की विधवा महिला जिन्होंने 40 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो। |
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (IGNDPS) | 1. 18 से 79 साल के दिव्यांगों को ₹300 प्रतिमाह 2. 80 उससे ऊपर के दिव्यांगों को ₹500 प्रतिमाह | 18 वर्ष से अधिक के आयु के बीपीएल श्रेणी के ऐसे दिव्यांग व्यक्ति जिनकी दिव्यांगता 80% या उससे अधिक हो। |
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (NFBS) | ₹20000 की एकमुश्त सहायता | 18 – 59 आयु वर्ग के बीपीएल कार्ड धारक परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर। |
योजना की महत्वपूर्ण विशेषताएँ
- योजना के लिए पात्र व्यक्तियों की सार्वभौमिक कवरेज और सक्रिय पहचान।
- आवेदन, मंजूरी, अपील और समीक्षा के लिए पारदर्शी और लोगों के अनुकूल प्रक्रिया।
- स्थानीय स्वशासन संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका।
- लाभार्थियों के दरवाजे पर पेंशन का मासिक वितरण सुनियोजित करना।
- राशि का इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण।
- मजबूत सामाजिक लेखा परीक्षा और वार्षिक सत्यापन।
- आईटी आधारित प्रबंधन सूचना प्रणाली।
- मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली स्वचालित अभिसरण।
निष्कर्ष (Conclusion)
निष्कर्ष के रूप में, भारत सरकार ने कई पहलू और योजनाओं के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और भलाई को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS), वरिष्ठ नागरिकों के लिए एकीकृत कार्यक्रम (IPSrC) जैसे कार्यक्रम वित्तीय सुरक्षा प्रदान करते हैं।
उपरोक्त योजनाओं के अलावा भी भारत सरकार द्वारा कई अन्य योजनाएँ जैसे – आयुष्मान भारत और वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा जैसी स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करती हैं। हालांकि पर्याप्त पहुंच, कार्यान्वयन दक्षता और बढ़ती हुई आबादी की विविध आवश्यकताओं को संबोधित करने की चुनौती महत्वपूर्ण बनी हुई है।
इन कल्याणकारी योजनाओं को उनके वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास, मजबूत निगरानी तंत्र और बढ़ी हुई सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है जिससे एक ऐसा समाज विकसित हो जो अपने वरिष्ठ नागरिकों को महत्व देता हो और उनका समर्थन करता हो।
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