Shikshamitra Maandey update 2025: उत्तर प्रदेश विधानसभा में 25 फरवरी 2025 को प्रश्नकाल के दौरान शिक्षामित्रों के मानदेय से संबंधित मुद्दा उठा। इस दौरान शिक्षामित्रों के मानदेय काफी कम होने का सवाल उठाया गया और इसे बढ़ाने की मांग की गई। जवाब में उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री, संदीप सिंह ने बताया की फिलहाल शिक्षामित्रों को मिलने वाले मानदेय को बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से राज्य के करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्रों को निराशा जरूर हुई है परंतु सरकार द्वारा अपनी पसंद के अनुसार स्थानांतरण का विकल्प देने की घोषणा ने शिक्षामित्रों को तसल्ली भी दी है।
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Shikshamitra Maandey update 2025: वर्तमान में मिल रहा कितना मानदेय?
वर्तमान में उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को ₹10,000 प्रतिमाह का मानदेय दिया जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2017 तक शिक्षामित्रों को केवल ₹3500 प्रतिमाह का मानदेय मिलता था जिसे योगी सरकार ने बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया था। हालांकि शिक्षामित्र लंबे समय से इस मानदेय को और अधिक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं परंतु सरकार का मानदेय बढ़ाने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है।
आपको बता दें कि 2017 से पहले शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी नियुक्ति रद्द हो गई और वे पुनः शिक्षामित्र के रूप में कार्यरत हो गए।
Shikshamitra Maandey update 2025: क्या है शिक्षामित्रों की मांगें?
- वर्तमान में शिक्षामित्रों को ₹10,000 प्रति माह का मानदेय मिल रहा है, जिसे बढ़ाकर ₹20,000 या उससे अधिक करने की मांग शिक्षामित्रों द्वारा की जा रही है।
- 2017 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सहायक शिक्षक के रूप में जिन शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई थी वो नियुक्ति रद्द कर दी गई। शिक्षामित्र फिर से स्थायी सहायक शिक्षक पद पर बहाली की मांग कर रहे हैं।
- शिक्षामित्रों की एक मांग यह भी है कि चूँकि वे स्थायी शिक्षकों के समान ही काम कर रहे हैं इसलिए उन्हें समान वेतन मिलना चाहिए।
- शिक्षामित्रों को अन्य सरकारी कर्मचारियों के समान ही चिकित्सा सुविधा, महंगाई भत्ता जैसे लाभ देने की मांग की जा रही है।
Shikshamitra Maandey update 2025: शिक्षामित्र संगठनों में नाराजगी
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि ना करने के निर्णय पर शिक्षामित्र संगठनों में गहरी नाराजगी और असंतोष है। कई संगठनों ने कहा कि 7 वर्षों से मानदेय में कोई वृद्धि नहीं हुई है है जिससे शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है। इसके अतिरिक्त शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर भी आवाज उठाई है लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
शिक्षामित्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगो पर सरकार द्वारा जल्द ध्यान नहीं दिया जाता है तो वे आंदोलन का रास्ता चुन सकते हैं। अतः उनकी सरकार से गुजारिश है की व शिक्षामित्रों की माँगों पर सकारात्मक फैसले लें। सरकार के इस विषय से संबंधित निर्णयों की विश्वसनीय जानकारी आप उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के आधिकारिक वेबसाईट पर जाकर ले सकते हैं।
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