Udyami Mitra Portal: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए उपलब्धता को आसान और त्वरित बनाने के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) द्वारा 2016 में उद्यमी मित्र पोर्टल लॉन्च किया गया था। पोर्टल के माध्यम से भारत सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा क्रियान्वित योजनाओं को एक प्लेटफार्म प्रदान करके नए और एमएसएमई उद्योगों की आर्थिक सहायता तक पहुँच को सुलभ बनाने का काम किया गया है।
भारत सरकार के स्टैंडअप इंडिया कार्यक्रम को प्रगतिशील बनाने के लिए सिडबी (SIDBI) द्वारा एक साथ दो पोर्टल – स्टैंडअप इंडिया पोर्टल और उद्यमी मित्र पोर्टल को विकसित किया गया है।
Udyami Mitra Portal: उद्यमी मित्र पोर्टल का लाभ
उद्यमी मित्र पोर्टल के विभिन्न लाभ है जिनको निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है :
- यह पोर्टल छोटे और मध्यम उद्योग , बैंको से लोन लेना आसान बनाता है।
- इस पोर्टल के माध्यम से कई सरकारी योजनाओं जैसे – पीएम विश्वकर्मा योजना का माँ पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि, स्टैंड अप इंडिया जैसी सरकारी योजनाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर ऋण लेने की जानकारी और त्वरित आवेदन करने में सुविधा मिलती है।
- पोर्टल पर नए उद्यमियों को अपना बिज़नेस या उद्योग शुरू करने के लिए गाइडेंस भी प्रदान किया जाता है।
- उद्यमी मित्र पोर्टल का UIDAI, CBDT, NSDL, LGD आदि सरकारी प्लेटफार्म के साथ एकीकरण है जिससे ऋण देने वाले वित्तीय संस्थानों और साथ ही साथ लाभार्थियों को भी ऋण लेने में आसानी होती है।
- उद्यमी मित्र पोर्टल उद्योगों के रजिस्ट्रेशन से लेकर लाइसेंस और अन्य परमिशन दिलाने में भी सहायक है।
Udyami Mitra Portal: उद्यमी मित्र पोर्टल पर कितनी योजनाएं शामिल हैं?
उद्यमी मित्र पोर्टल पर कुल 12 योजनाएं सम्मिलित है, प्रत्येक योजना के बारे में संक्षिप्त जानकारी नीचे दी जा रही है:
1. पीएम विश्वकर्मा योजना
इस योजना का शुभारंभ भारत सरकार द्वारा 17 सितंबर 2023 को किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य परम्परागत कारीगरों और हस्तशिल्पियों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत मुख्य लाभार्थियों में बढ़ई, लोहार, कुम्हार, मोची, सोनार, नाई, राजमिस्त्री आदि पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोग सम्मिलित हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना का क्या लाभ है?
- इस योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिसमें पहले चरण में ₹1,00,000 तक का ऋण 5% ब्याज दर पर दिया जाता है और दूसरे चरण में ₹2,00,000 तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
- सरकार द्वारा बढ़ई, लोहार, सुनार जैसे शिल्पकारों और कारीगरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण के दौरान उन्हें प्रत्येक दिन ₹500 स्टाइपेंड दिया जाएगा।
- प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात सभी कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा और ₹15,000 का टूल किट भी दिया जाएगा।
- कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिये तथा उनके ब्राण्ड का समर्थन करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म भी प्रदान किया जाएगा।
कैसे करें आवेदन?
अभ्यर्थी पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए स्वयं भी आवेदन कर सकते हैं या निकटतम सीएससी पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए सभी अभ्यर्थी योजना की आधिकारिक वेबसाईट pmvishwakarma.gov.in पर जाकर आवेदन करें।
2. पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि योजना)
पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत 1 जून 2020 को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स को सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। योजना का मुख्य उद्देश्य सड़क विक्रेताओं तथा छोटे व्यवसायों को सहायता प्रदान करना है ताकि Covid-19 के दौरान उनकी बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति को फिर से सुधारा जा सके और उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में निर्भर बनाया जा सके।
योजना की विशेषताएँ
- यह योजना फुटपाथ विक्रेता छोटे व्यवसायी जैसे – ठेलेवाला, रेहड़ीवाला, फेरीवाला आदि को लाभ पहुंचाने वाला है।
- इसमें विक्रेताओं को ₹10,000 तक की ऋण राशि मिलती है जो 1 साल के लिए होता है और बिना गारंटी के मिलती है।
- 7% की ब्याज दर पर मिलने वाली यह ऋण स्ट्रीट वेंडर्स के लिए अधिक सुलभ होता है।
- लिए गए ऋणों को समय पर चुका देने पर ब्याज दर में 2% की सब्सिडी भी दी जाती है।
- पीएम स्वनिधि योजना रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया
योजना का लाभ पाने के लिए आपको पीएम स्वनिधि की ऑफिसियल वेबसाईट pmsvanidhi.mohua.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इस योजना के लिए आवेदन करते समय लाभार्थी के पास आधार कार्ड/मतदाता पहचान पत्र/ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक खाता और विक्रेता के दावे को प्रमाणित करने के लिये कोई दस्तावेज़ होना चाहिए।
3. स्टैन्ड-अप इंडिया योजना
स्टैंडअप इंडिया योजना भारत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक योजना है जिसका उद्देश्य महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को उद्यमिता के अवसर प्रदान करना है। यह योजना भारत सरकार की अन्य योजनाओं जैसे- मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, भारतनेट आदि कार्यक्रमों को संबल देने वाली योजना है।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
- इस योजना के माध्यम से समाज के निचले तबके के लोगों जैसे- महिलाओं, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोगों को उद्यमिता और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किया गया है।
- योजना के अंतर्गत ₹10,00,000 से लेकर ₹1,00,00,000 तक का बैंक लोन प्रदान किया जाता है।
- योजना के अंतर्गत लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के माध्यम से प्रशिक्षण, कौशल विकास, मार्गदर्शन आदि में सहायता प्रदान की जाती है।
- योजना के लिए सिर्फ महिलाएं तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पुरुष ही आवेदन कर सकते हैं, आवेदनकर्ता की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
आवेदन कैसे करें?
आवेदन करने के लिए आप अपने निकटतम बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं या स्टैंडअप मित्र पोर्टल www.standupmitra.in के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है। आवेदन करने के लिए आवेदनकर्ता के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, व्यवसाय योजना, बैंक स्टेटमेंट, आय प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज होने आवश्यक हैं।
4. पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF)
यह योजना भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा है जिसकी शुरूआत भारत सरकार द्वारा 2020 में की गई थी। योजना का उद्देश्य डेयरी, मांस प्रसंस्करण और पशुचारा उद्योग के बुनियादी ढांचे को विकसित करना है, पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन एवं पशु टीका और औषधि विनिर्माण सुविधा की स्थापना करना है।
योजना की विशेषताएँ
- योजना का लाभ व्यक्तिगत उद्यमी, किसान उत्पादक संगठन (FPO) एमएसएमई (MSME), डेयरी सहकारी समितियां आदि के द्वारा उठाया जा सकता है।
- योजना के अंतर्गत बैंको के माध्यम से 90% तक का लोन दिया जाता है जिसमे लाभार्थी द्वारा न्यूनतम 10% का योगदान आवश्यक होता है।
- योजना के अंतर्गत लोन पर 3% तक की ब्याज में छूट प्रदान की जाती है।
- योजना का प्रमुख उद्देश्य दूध और मांस प्रसंस्करण क्षमता और उत्पादन बढ़ाने में मदद करना और उसके जरिए गांव के दूध व मांस के असंगठित उत्पादकों को संगठित बाजार तक पहुँच उपलब्ध कराना है।
- योजना के माध्यम से उद्यमिता के विकास और रोजगार सृजन में भी सहायता मिलती है।
कैसे करें आवेदन?
योजना के लिए सभी आवेदनकर्ता उद्यमी मित्र पोर्टल ahidf.udyamimitra.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या नजदीकी बैंक पर जाकर भी आवेदन किया जा सकता है। यह योजना पशु पालन क्षेत्र को आधुनिक बनाने और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है।
5. असिस्टेंस टू मेडिकल डिवाइस क्लस्टर्स फॉर कॉमन फैसिलिटीज (AMDCF)
AMDCF योजना भारत सरकार की रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा चलाई जाती है। इस योजना का उद्देश्य मेडिकल डिवाइस निर्माण इकाइयों को बुनियादी ढांचे और आम सुविधाओं के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि भारत में मेडिकल डिवाइस सेक्टर को उन्नत और आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
- योजना के माध्यम से मेडिकल डिवाइस निर्माता कंपनियों तथा अनुसंधान एवं विकास केंद्रों को लाभ पहुँचाया जाना है।
- योजना के तहत 70% राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है एवं शेष 30% राशि लाभार्थी को स्वयं निवेश करना होता है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य मेडिकल डिवाइस उद्योग के लिए प्रसंस्करण सुविधाएँ, सामान्य प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्र स्थापित करना है साथ ही साथ गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देना है।
- योजना के माध्यम से भारतीय मेडिकल डिवाइस उद्योगों को वैश्विक स्तर तक पहुंचाना है और गुणवत्ता मानकों को बढ़ाना है।
कैसे करें आवेदन?
सभी आवेदनकर्ता, रसायन और उर्वरक मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाईट या इस योजना की आधिकारिक वेबसाईट amdcf.udyamimitra.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
6. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM)
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) भारत सरकार द्वारा 2014-15 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य पशुपालन और पोल्ट्री व्यवसाय को बढ़ावा देना, पशुधन उत्पादकता में सुधार करना और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। योजना के प्रमुख घटक – उद्यमिता विकास और रोजगार सृजन, पशुधन चारा विकास, नवाचार और प्रशिक्षण हैं।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- पशुपालन और पोल्ट्री व्यवसाय के लिए 50% तक की सब्सिडी ₹50,00,000 की अधिकतम राशि तक दी जाती है।
- योजना के अंतर्गत नाबार्ड (NABARD) के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराई जाती है।
- योजना के अंतर्गत पशुपालकों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है जिसके लिए विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- योजना के माध्यम से पशुधन उत्पादकता में वृद्धि तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आय में वृद्धि भी होती है।
कैसे करें आवेदन?
आवेदन करने के लिए आवेदनकर्ता नजदीकी बैंक, नाबार्ड या पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं अन्यथा योजना की ऑफिसियल वेबसाईट nlm.udyamimitra.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करने की भी सुविधा प्रदान की गई है।
7. PLI Telecom योजना
भारत सरकार ने “Production Linked Incentive (PLI) Scheme for Telecom & Networking Products” की शुरुआत 2021 में की थी। इस योजना का उद्देश्य भारत में दूरसंचार और नेटवर्किंग उपकरणों की घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और देश को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना का प्रमुख लाभ उन भारतीय और विदेशी दूरसंचार कंपनियों को मिलेगा जो भारत में विनिर्माण करेंगी।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- इस योजना के माध्यम से भारत में 5जी , ब्रॉडबैंड और अन्य नेटवर्किंग उत्पादों का घरेलू उत्पादन बढ़ेगा।
- योजना के लिए भारत सरकार द्वारा ₹12,195 करोड़ का प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है।
- पात्र कंपनियों को 5 साल तक उत्पादन में 4% से 7% तक की इन्सेंटिव राशि दी जाएगी।
- योजना के माध्यम से आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा साथ ही साथ रोजगार सृजन और नई तकनीकों का विकास भी होगा।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ उठाने के लिये लाभार्थियों को योजना की ऑफिसियल वेबसाईट pli-telecom.udyamimitra.in पर जाकर आवेदन करना होगा। यह योजना टेलीकॉम सेक्टर में निवेश आकर्षित करने और भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने मे सहायता करेगी।
8. PLI Pharma योजना
PLI Pharma योजना भारत सरकार द्वारा 2021 में शुरू की गई योजना का हिस्सा है जिसका उद्देश्य फार्मास्यूटिकल दवा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाना, और भारत को वैश्विक दवा निर्माण हब के रूप में स्थापित करना है। योजना के अंतर्गत 15,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन फंड दिया गया है तथा चयनित कंपनियों को 5% से 20% तक का उत्पादन आधारित प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- योजना के माध्यम से कच्चे माल, ड्रग इंटरमीडिएट्स और प्रमुख दवाओं की घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है साथ ही साथ फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
- योजना 2020-21 से 2028-29 तक लागू रहेगी।
- इस योजना को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
ग्रुप A : 5000 करोड़ रुपए से अधिक टर्न ओवर वाली कंपनियां शामिल हैं।
ग्रुप B : 500 करोड़ रुपये से 5000 करोड़ रुपये टर्न ओवर वाली कंपनियां।
ग्रुप C : 500 करोड़ रुपये से कम टर्न ओवर वाली MSMEs। - इस योजना की सहायता से दवा निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, एपीआई और दवा सामग्री के आयात पर निर्भरता कम होगी।
- भारतीय दवा कंपनियों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा।
- यह योजना मेक इन इंडिया पहल को समर्थन देती है और भारत को फार्मा निर्माण क्षेत्र में world leader बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
यह योजना औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DPIIT) और फार्मा विभाग द्वारा लागू की गई है। योजना के लिए आवेदन आप आधिकारिक वेबसाईट pli-pharma.udyamimitra.in पर जाकर कर सकते हैं।
9. स्ट्रेंथनिंग ऑफ फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री (SPI) योजना
स्ट्रेंथनिंग ऑफ फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री (SPI) योजना भारत सरकार द्वारा फार्मा उद्योग को मजबूत करने के लिए शुरू की गई एक प्रमुख योजना है। यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को समर्थन देने, उनके बुनियादी ढांचे को सुधारने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर केंद्रित है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य फार्मा MSMEs को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना, सामूहिक सुविधाएं विकसित करना जिससे छोटे फार्मा उद्यम भी उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन कर सकें, गुणवत्ता और अनुसंधान में सुधार करना है।
योजना के प्रमुख घटक
- 1. कॉमन फेसिलिटी सेंटर (CFCs) : इसके माध्यम से फार्मा क्लस्टर्स में प्रसंस्करण, परीक्षण, भंडारण और पैकेजिंग सुविधाओं की स्थापना की जाएगी। बुनियादी ढांचे के विकास से फार्मा MSMEs को मदद मिलेगी जिसके लिए अधिकतम ₹20,00,00,000 तक का अनुदान भी दिया जायेगा।
- 2. फार्मा टेक अपग्रेडेशन (PTU) : योजना से फार्मा MSMEs को गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी जिसमें कुल लागत का 10 से 20% तक सब्सिडी प्रदान किया जाएगा। इससे जीएमपी और अन्य मानकों को अपनाने में मदद मिलेगी।
- 3. फार्मा क्लस्टर डेवलपमेंट (PCD) : इसके द्वारा फार्मा उद्योग से जुड़े MSMEs, स्टार्टअप्स और फार्मा क्लस्टर के लिए तकनीकी सहायता और अनुसंधान सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी साथ ही साथ कौशल विकास और गुणवत्ता सुधार को भी बढ़ावा मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया
योजना को DPIIT और फार्मा विभाग द्वारा लागू किया गया है। आवेदन करने के लिए सभी आवेदकों को योजना की आधिकारिक वेबसाईट spi.udyamimitra.in पर जाकर आवेदन प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा।
10. स्वावलंबन चैलेंज फंड (SCF)
यह योजना भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) द्वारा चलाई जाने वाली एक विशेष योजना है जिसका उद्देश्य नवाचार, उद्यमिता और सतत विकास को बढ़ावा देना है। यह योजना स्टार्टअप्स, एमएसएमई, एनजीओ और अन्य संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करके समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शुरू की गई है।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- इस योजना का उद्देश्य समाज और पर्यावरण से जुड़े नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है।
- स्टार्टअप्स , एमएसएमई और संगठनों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
- इस योजना के प्रमुख क्षेत्र हरित उद्यमिता, महिला उद्यमिता, ग्रामीण विकास और नवाचार, स्वास्थ्य और शिक्षा में नवाचार तथा एमएसएमई सेक्टर में तकनीकी सुधार है।
- योजना के अंतर्गत चयनित परियोजनाओं को ₹20,00,000 तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है साथ ही साथ लाभार्थियों को मार्गदर्शन और नेटवर्किंग सहायता भी दी जाती है।
कैसे करें आवेदन?
योजना के लिए आवेदन करने हेतु आवेदनकर्ता को एक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करके आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होता है। योजना के लिए आवेदन करने हेतु आवेदनकर्ता आधिकारिक वेबसाईट scf.udyamimitra.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
11. स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र योजना (SCK)
स्वावलंबन कनेक्ट केंद्रयोजना भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक द्वारा चलाई जाने वाली एक पहल है, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप्स उद्यमियों और एमएसएमई को सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करना है। इस योजना के तहत देश भर में व्यावसायिक सहायता केंद्र स्थापित किए जाते हैं जहाँ नए और छोटे उद्यमियों को व्यापार से जुड़ी आवश्यक जानकारी, वित्तीय सहायता और अन्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
इक्षुक उद्यमी सिडबी (SIDBI) की आधिकारिक वेबसाईट sidbi.in पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं अन्यथा उद्यमी मित्र पोर्टल के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है। यदि आवेदन करने में कोई कठिनाई आ रही है तो नजदीक ही स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र पर जाकर सहायता प्राप्त की जा सकती है।
12. वेंडर कनेक्ट योजना
वेंडर कनेक्ट योजना भारत सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बड़े उद्योगों और सरकारी विभागों से जोड़ने के लिए शुरू की गई एक पहल है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमों को नए बाजार, बड़े खरीदार और व्यापारिक अवसर उपलब्ध कराना है। यह योजना भारत में छोटे व्यवसायों के विकास और उनकी आर्थिक मजबूती के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है जिससे MSMEs को नए ग्राहक और बड़े ऑर्डर प्राप्त करने में मदद मिलती है।
योजना के लिए आप उद्यमी मित्र की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं या फिर एमएसएमई मंत्रालय या GeM पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं।
Udyami Mitra Portal: उद्यमी मित्र पोर्टल पर पंजीकरण कैसे करें?
उद्यमी मित्र पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया को पूरी करने के लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना होगा:
- उद्यमी मित्र पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- न्यू यूज़र रजिस्ट्रेशन बटन पर क्लिक करें, यहाँ अपना नाम, ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और पासवर्ड दर्ज करके सबमिट बटन पर क्लिक करें।
- पंजीकरण की बात अपनी ई-मेल आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके पोर्टल पर लॉग इन करें।
- लॉग इन करने के पश्चात् अपने सभी आवश्यक विवरण भरी और मांगे गए आवश्यक डाक्यूमेंट्स को अपलोड करें।
- अपने सभी विवरण और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद आवेदन को सबमिट करें।
FAQ.
प्रश्न: उद्यमी मित्र पोर्टल मेरी किस प्रकार सहायता करेगा?
उत्तर: यह पोर्टल आपके व्यवसाय उद्यम की स्थापना के लिए एक ट्रांसपैरेंट स्टेप बाई स्टेप गाइड प्रदान करेगा।
प्रश्न: कृषि संबद्ध गतिविधियों के अंतर्गत क्या क्या पात्र हैं?
उत्तर: मत्स्यपालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गीपालन, कृषि उद्योग, डेयरी, खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण आदि गतिविधियाँ और इनका समर्थन करने वाली सेवाएँ इस योजना के अंतर्गत कवरेज के लिए पात्र होंगी।
प्रश्न: हैंड होल्डिंग सपोर्ट क्या है?
उत्तर: किसी भी नए उद्यमी को व्यवसाय उद्यम को स्थापित करने के प्रयास में प्रशिक्षण से लेकर बैंक की आवश्यकताओं के अनुसार ऋण आवेदन भरने तक मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यह पोर्टल विशिष्ट विशेषज्ञता वाली विभिन्न एजेंसियों से जुड़ने के लिए चरण दर चरण मार्गदर्शन प्राप्त करके सुविधा प्रदान करता है।