Universal Pension yojana: भारत सरकार Universal Pension yojana लाने की तैयारी कर रही है से, जिससे 18 साल से अधिक उम्र के सभी भारतीय नागरिकों को पेंशन का लाभ मिल सकेगा। यह योजना स्वैच्छिक और अंशदायी होगी यानी इसमें शामिल होने वाले व्यक्ति को अपने भविष्य के लिए खुद योगदान देना होगा।
सरकार की योजना इसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत लागू करने की है जिससे असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों, घरेलू कामगारों और गिग वर्कर्स को भी सुरक्षित रिटायरमेंट का लाभ मिल सके।
वर्तमान में अटल पेंशन योजना (APY) और प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना (PM-SYM) जैसी स्कीमें केवल कुछ खास वर्गों के लिए उपलब्ध है, लेकिन Universal Pension yojana सभी नागरिकों के लिए होगी। हालांकि अभी योजना का क्रियान्वयन नहीं हुआ है परन्तु यदि होता है तो इससे करोड़ों भारतीयों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
Universal Pension yojana: इस योजना का उद्देश्य
- यह योजना 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी भारतीयों के लिए होगी जिससे वे रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रह सके।
- वर्तमान में असंगठित क्षेत्र के मजदूर, घरेलू कामगार, गिग वर्कर्स, किसान, रेहड़ी पटरी वाले आदि पेंशन योजनाओं से वंचित रहते हैं। यह योजना उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी।
- Universal Pension yojana एक स्वेच्छिक योजना है जिसमें भाग लेने वाले व्यक्ति को निश्चित राशि का योगदान करना होगा जिससे एक निश्चित उम्र के बाद उन्हें पेंशन का लाभ मिल सके। सरकार की ओर से कोई योगदान नहीं दिया जाएगा।
- सरकार अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) जैसी पेंशन योजनाओं को एकीकृत कर सकती है जिससे एक सर्वव्यापी पेंशन प्रणाली बनाई जा सके।
- इस योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के जरिये लागू करने पर विचार किया जा सकता है ताकि इसका संचालन सुनियोजित और पारदर्शी तरीके से हो सके।
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Universal Pension yojana: बुजुर्गों के लिए क्यों है खास?
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) द्वारा जारी ‘इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023’ के अनुसार भारत में बुजुर्ग जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2050 तक देश में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या लगभग 34.7 करोड़ हो जाएगी जो कुल जनसंख्या का 20.8% होगा।
इस तेजी से बढ़ती बुजुर्ग जनसंख्या के मद्देनजर रिपोर्ट में स्वास्थ्य, सेवा, आवास और पेंशन योजनाओं में निवेश बढ़ाने की सिफारिश की गई है। ऐसे समय में यह योजना वृद्धावस्था में आर्थिक सहारा देने के लिए शुरू की जा रही है जिससे वे दूसरों पर निर्भर ना रहें तथा सम्मानजनक और पूर्ण जीवन जी सकें।
Universal Pension yojana: योजना कैसे काम करेगी?
यह एक स्वैच्छिक योजना होगी यानी इच्छुक व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार इसमें भाग ले सकता है परन्तु भाग लेने वाले व्यक्तियों की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए और वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
योजना में भाग लेने वाले सदस्यों को नियमित रूप से कुछ राशि जमा करनी होगी जो कि व्यक्ति अपनी आय और जरूरत के अनुसार कर सकता है। 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद पेंशन धारक को हर महीने एक निश्चित पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा।
योजना के लिए आवेदन करने हेतु सरकार की ओर से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान किया जाएगा ताकि पंजीकरण प्रक्रिया आसान हो। पंजीकरण के लिए पहचान पत्र और बैंक खाता अनिवार्य होगा।
Universal Pension yojana: प्रमुख चुनौतियाँ
Universal Pension yojana देश भर में सभी नागरिकों के लिए लागू करने में कई प्रकार की चुनौतियों पर सामना भी करना पड़ सकता है जिनका विवरण नीचे दिया जा रहा है:
1. वित्तीय बोझ
योजना के माध्यम से पूरे देश के नागरिकों को पेंशन देने की तैयारी की जा रही है लेकिन इससे सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ सकता है। कई वर्ग ऐसे हैं जो नियमित रूप से अंश दान करने में सक्षम नहीं होंगे और यदि सरकार उन्हें सब्सिडी देती है तो इससे एक लंबे समय तक के लिए धन की व्यवस्था करना प्रमुख चुनौती होगी।
2. असंगठित क्षेत्र में जागरूकता की कमी
असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों, कामगारों, रेहड़ी पटरी वालों और छोटे व्यापारियों आदि में पेंशन योजनाओं के प्रति जागरूकता की कमी देखी गई है। उन्हें इस योजना में सम्मिलित करने के लिए एक व्यापक स्तर पर प्रचार और शिक्षा अभियान चलाने की आवश्यकता होगी।
3. प्रशासनिक और लॉजिस्टिक चुनौतियां
पूरे देश में इस योजना को लागू करना और लोगों तक पहुंचाना एक बड़ी प्रशासनिक चुनौती होगी । डेटा प्रबंधन, रिकॉर्ड-कीपिंग, फर्जी लाभार्थियों की पहचान और पेंशन भुगतान प्रक्रिया को सुनियोजित तरीके से लागू करना प्रमुख चुनौती होगी।
4. निजी क्षेत्र और राज्य सरकारों का सहयोग
यह योजना सुचारू और प्रभावी रूप से कार्य करें इसके लिए राज्य सरकारों, निजी कंपनियों और विभिन्न सरकारी और प्राइवेट एजेंसियों का सहयोग आवश्यक होगा। इनके बीच सही समन्वय न होने पर योजना को सुचारू रूप से लागू नहीं किया जा सकेगा।
5. वर्तमान योजनाओं का समावेश
अगर इस योजना को मौजूदा जैसे अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना जैसी योजनाओं के साथ जोड़ा जाता है तो उनमें पहले से जुड़े लाभार्थियों के लिए बदलाव करना एक कठिन प्रक्रिया होगी जो चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
इसके अलावा इस योजना में योगदान और पेंशन लाभ का सही अनुपात तय करना चुनौतीपूर्ण होगा। बहुत कम अंशदान से अच्छी पेंशन देना संभव नहीं होगा और ज्यादा अंशदान से लोग योजना में रुचि नहीं लेंगे।
Universal Pension yojana: निष्कर्ष
हालांकि, इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए वित्तीय संसाधनों, प्रशासनिक व्यवस्थाओं और जागरूकता अभियान पर विशेष ध्यान देना होगा। नियमित अंशदान, पेंशन राशि का निर्धारण और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण जैसी चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक होगा, ताकि यह योजना अपने मूल उद्देश्य को पूरा कर सके।
अगर इसे सही रणनीति और मजबूत क्रियान्वयन के साथ लागू किया जाता है तो यह देश में सामाजिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह न केवल वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि देश में आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान देगी।
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