UP Teacher Bharti: D.El.Ed. अभ्यर्थियों का 28 मई को जोरदार प्रदर्शन – माँग सिर्फ एक, नई शिक्षक भर्ती

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UP Teacher Bharti: उत्तर प्रदेश में D.El.Ed. प्रशिक्षित अभ्यर्थी लंबे समय से नई शिक्षक भर्ती की माँग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की चुप्पी से उनका धैर्य टूटता नजर आ रहा है। इसी को लेकर 28 मई को उत्तर प्रदेश में D.El.Ed. के साथ-साथ B.Ed. प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने भी अपनी वर्षों पुरानी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
प्रयागराज में हजारों की संख्या में अभ्यर्थी जुटे हैं जो शांतिपूर्ण तरीके से सरकार से नई शिक्षक भर्ती की तत्काल घोषणा की माँग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 2018 के बाद से कोई भी नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती नहीं निकाली गई है जिससे लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है। अब वे अपने हक की लड़ाई सड़कों पर लड़ेंगे – शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त तरीके से

UP Teacher Bharti: 28 मई को हुआ जबरदस्त धरना प्रदर्शन

28 मई को प्रयागराज में अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर जबरदस्त धरना प्रदर्शन किया। सुबह से ही बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शिक्षा आयोग के पास एकत्र होने लगे थे और हाथों में तख्तियाँ लेकर अपनी माँग – “नई शिक्षक भर्ती शुरू करो” – को लेकर नारेबाजी करते दिखे। प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा लेकिन युवाओं का जोश और नाराजगी साफ झलक रही थी।
कई अभ्यर्थियों ने कहा कि पिछले 7 साल से सरकार शिक्षक भर्ती को लेकर चुप्पी मारे हुए है जो कि अब बर्दाश्त के बाहर है। एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि अगर अब माँगे नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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UP Teacher Bharti: 2018 से ही नहीं आई नई शिक्षक भर्ती

D.El.Ed. अभ्यर्थियों का सबसे बड़ा आरोप यही है कि वर्ष 2018 के बाद से कोई भी बड़ी प्राथमिक शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश में नहीं निकाली गई है। लाखों की संख्या में प्रशिक्षित अभ्यर्थी हर साल तैयार हो रहे हैं लेकिन भर्ती न होने से वे सभी बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षक बनने के लिए उन्होंने 2 साल की मेहनत की, पैसा खर्च किया लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस मौका नहीं मिल रहा। कई बार भर्ती की घोषणाओं की खबरें आती है लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता। इसी निराशा और गुस्से ने आज उन्हें धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर कर दिया है।

UP Teacher Bharti: उत्तर प्रदेश सरकार के ‘X’ हैंडल से नई भर्ती को लेकर आया था ट्वीट

उत्तर प्रदेश सरकार के ‘X’ हैंडल से शिक्षक भर्ती को लेकर हाल ही में एक महत्वपूर्ण ट्वीट किया गया था। इस ट्वीट में राज्य में 1.93 लाख शिक्षक पदों पर भर्ती की घोषणा की गई थी, जिसे तीन चरणों में मार्च 2026 तक पूरा करने की योजना थी। यह खबर जैसे ही सामने आई सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और लाखों बेरोजगार अभ्यर्थियों में उम्मीद की किरण जगी।
हालाँकि कुछ घंटों बाद यह ट्वीट और संबंधित पोस्ट अचानक डिलीट कर दिए गए जिससे अभ्यर्थियों में भ्रम और नाराजगी फैल गई। सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार से जवाब माँगना शुरू कर दिया कि जब भर्ती की कोई योजना ही नहीं है तो इस तरह से भ्रामक ट्वीट क्यों किया जा रहे हैं। इस घटना ने सरकार की नीयत और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

UP Teacher Bharti: क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मुख्य माँगें?

धरना प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की मुख्य माँगे इस प्रकार हैं:

  1. अभ्यर्थियों की सबसे बड़ी और प्रमुख माँग यह है कि 2018 के बाद से बंद पड़ी प्राथमिक शिक्षक भर्ती को दोबारा शुरू किया जाए। उनका कहना है कि लाखों सीटें खाली हैं और योग्य अभ्यर्थी बेरोजगार बैठे हैं।
  2. सरकार से माँग है कि एक भर्ती कैलेंडर जारी किया जाए जिससे अभ्यर्थियों को भविष्य की भर्ती प्रक्रिया की जानकारी मिल सके और वे तैयारी कर सकें। अचानक घोषणाएँ और फिर उन्हें रद्द कर देने से अभ्यर्थी मानसिक तनाव में हैं।
  3. D.El.Ed. के साथ-साथ B.Ed. अभ्यर्थी भी माँग कर रहे हैं की भर्ती प्रक्रिया में योग्यता के अनुसार सभी को शामिल किया जाए और नियमों में बार-बार बदलाव ना हो।
  4. सरकार के ‘X’ हैंडल से आई और फिर डिलीट हुई भर्ती की घोषणाओं पर सरकारी स्पष्टीकरण मांगा गया है, जिससे अभ्यर्थियों की शंका दूर हो सके।

UP Teacher Bharti: निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वर्षों से रुकी हुई शिक्षक भर्तियों ने लाखों अभ्यर्थियों को गहरी निराशा और बेरोजगारी की स्थिति में पहुँचा दिया है। 2018 के बाद से कोई बड़ी भर्ती न होने के कारण युवा अब सड़कों पर उतरकर अपने अधिकार की माँग कर रहे हैं।
28 मई 2025 का प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि अभ्यर्थी और इंतजार नहीं करना चाहते। उनकी माँगे स्पष्ट हैं – नई शिक्षक भर्ती की तुरंत घोषणा, पारदर्शी भर्ती कैलेंडर और पिछली भर्तियों की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।
सरकार द्वारा 1.93 लाख पदों पर भर्ती का ट्वीट आना और फिर उसका हट जाना स्थिति को और भी उलझा देता है। इससे यह साफ है कि सरकार को स्पष्ट, समयबद्ध और ठोस निर्णय लेने की जरूरत है।


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