UPI Update 2025: UPI और RuPay कार्ड से मुफ्त लेन-देन के दिन अब लदने वाले हैं। सरकार और बैंक यूपीआई पेमेंट्स पर MDR (Merchant Discount Rate) चार्ज लगाने पर विचार कर रहे हैं, जिससे कुछ ट्रांजैक्शन पर शुल्क देना पड़ सकता है। अगर यह नियम लागू होता है, तो बड़े व्यापारियों को यूपीआई पेमेंट पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।
छोटे दुकानदारों और आम उपभोक्ताओं पर इसका कम असर होने की संभावना है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और मजबूत बनाना और फिनटेक कंपनियों को आर्थिक नुकसान से बचाना है।
UPI Update 2025: MDR शुल्क की वापसी
2016 में जब UPI लॉन्च हुआ था तब अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों जैसे- डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड की तरह UPI ट्रांजैक्शंस पर भी MDR लागू था लेकिन दिसंबर 2019 में सरकार ने MDR शुल्क को पूरी तरह से हटा दिया था। परंतु अब बैंकिंग संस्थानों ने सुझाव दिया है कि बड़े कारोबारियों और व्यापारियों पर MDR शुल्क लागू किया जाए जबकि छोटे व्यापारियों को इससे छूट मिले।
वीज़ा, मास्टर कार्ड और क्रेडिट कार्ड जैसे भुगतान माध्यमों पर MDR शुल्क पहले से लागू है और अब इसे UPI और RuPay कार्ड से लेनदेन पर भी लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
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UPI Update 2025: UPI पर चार्ज क्यों चाहती है फिनटेक कंपनियाँ?
Fintech कंपनियां यूपीआई ट्रांजैक्शन पर MDR शुल्क की वापसी चाहती है क्योंकि बिना किसी शुल्क के UPI ट्रांजैक्शन उनके लिए वित्तीय रूप से लाभदायक नहीं रह गया है इसके पीछे के कारणों को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं:
- UPI ट्रांजैक्शंस को प्रोसेस करने और मेंटेन करने के लिए सर्वर, साइबर सिक्योरिटी, टेक्निकल सपोर्ट और बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा खर्च होता है। बिना MDR शुल्क के ये कंपनियां मुनाफा नहीं कमा पा रही हैं।
- बिना MDR के बैंक और Fintech कंपनियाँ UPI पेमेंट्स को प्रोसेस कर रही है इससे बैंकिंग सेक्टर को वित्तीय दबाव झेलना पड़ रहा है और फिनटेक कंपनियों को भी नुकसान हो रहा है।
- Visa और Mastercard जैसी कंपनियाँ क्रेडिट/डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर MDR शुल्क लेती है जिससे उन्हें Revenue मिलता है लेकिन यूपीआई पर यह शुल्क नहीं है जिससे Fintech कंपनियों को घटा हो रहा है।
UPI Update 2025: आम लोगों पर क्या होगा असर?
1. छोटे लेनदेन पर असर कम होगा
छोटे व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि सरकार छोटे व्यापारियों को MDR शुल्क से छूट दे सकती है। यदि आप किराने की दुकान, सब्जी की दुकानों या किसी भी अन्य छोटे बिज़नेस में UPI से पेमेंट करते हैं तो अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
2. बड़े व्यापारियों पर चार्ज बढ़ेगा
बड़े व्यापारी यदि MDR शुल्क चुकाएंगे तो वे यह अतिरिक्त लागत अपने ग्राहकों से वसूल सकते हैं। यदि आप Zomato, Swiggy, Amazon, Flipkart या पेट्रोल पंप पर यूपीआई से भुगतान करते हैं तो संभावित रूप से यह चार्ज आपके बिल में जुड़ सकता है। इसके अतिरिक्त शॉपिंग मॉल, सुपरमार्केट और बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कीमतें बढ़ सकती हैं।
3. डिजिटल पेमेंट का भविष्य
अगर UPI ट्रांजैक्शन का चार्ज सीमित होगा और सिर्फ बड़े व्यापारियों पर लागू होगा तो आम जनता को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। लेकिन अगर यह छोटे लेन-देन पर भी लागू हो जाता है तो लोग UPI ट्रांजैक्शन से बचने का प्रयास कर सकते हैं। इससे डिजिटल ट्रांजैक्शन की रफ्तार धीमी पड़ सकती है और कैश का इस्तेमाल बढ़ सकता है ।
UPI Update 2025: निष्कर्ष
अगर यूपीआई पर MDR चार्ज लागू होता है तो छोटे लेन-देन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा लेकिन बड़े व्यापारियों को शुल्क देना होगा, जिससे वो यह खर्च ग्राहकों पर डाल सकते हैं। यदि शुल्क ज्यादा हुआ तो लोग कैश पेमेंट की ओर लौट सकते हैं और डिजिटल पेमेंट की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। सरकार को छोटे व्यापारियों और ग्राहकों को राहत देने के उपाय करने चाहिए ताकि UPI का इस्तेमाल प्रभावित ना हो।
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